प्रयागराज में पिछले दिनों नकली ब्लड प्लेटलेट्स बेचने का मामला सामने आया था. जिसमें मौसंबी का जूस चढ़ाने से एक मरीज की मौत हो गई थी.
अब इस मामले में कड़ा एक्शन लिया गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक ‘मौसंबी जूस’ विवाद में शामिल यूपी के अस्पताल को डिमॉलिशन नोटिस मिला है. प्रयागराज में अधिकारियों द्वारा प्राइवेट अस्पताल को नोटिस दिया गया है. जानकारी के हिसाब से बिना अनुमति के निर्मित अस्पताल भवन शुक्रवार तक खाली करने को कहा गया है. मृत डेंगू रोगियों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि मौसंबी जूस प्लेटलेट्स के बजाय ट्रांसफ़्यूज़ किया गया है.
डेंगू मरीज की मौत के एक दिन बाद प्रयागराज पुलिस ने ‘फर्जी प्लेटलेट्स’ गैंग चलाने वाले 10 लोगों को किया गिरफ्तार था. गिरफ्तार किए गए आरोपी ब्लड प्लाज्मा को प्लेटलेट्स के रूप में बेच रहे थे. प्रयागराज के इस निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआती जांच के बाद 20 अक्टूबर को ही सील कर दिया था, जबकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अब अस्पताल की बिल्डिंग को अवैध बताते हुए इसे बुलडोजरों के जरिये जमींदोज किए जाने का नोटिस जारी कर दिया है. विकास प्राधिकरण ने अस्पताल की बिल्डिंग पर अल्टीमेटम का नोटिस भी चस्पा कर दिया है.
नोटिस में बताया गया है कि 3 सितंबर 2021 को आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि जिस भवन में अस्पताल चल रहा है वह अवैध है उसका नक्शा नहीं पास है. लिहाजा इसके जवाब के लिए 17 सितंबर 2021 और 6 अक्टूबर 2021 को रखी गई थी. लेकिन आप की तरफ से कोई जवाब नहीं आया और ना ही कोई मानचित्र प्रस्तुत किया गया. लिहाजा 11 जनवरी 2022 को इसके ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी किया गया . अब 28 अक्टूबर 2022 तक इस बिल्डिंग से संचालित नर्सिंग होम को खाली कर दें जिससे की आगे की कार्रवाई की जा सके
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि जांच में यह साफ हुआ है कि आरोपी ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर जिस बिल्डिंग में चल रहा था, वह अवैध है. निर्माण से पहले प्रयागराज विकास प्राधिकरण से ना तो मंजूरी ली गई थी और ना ही उसका नक्शा पास कराया गया था. विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिनव रंजन के मुताबिक आरोपी ग्लोबल हॉस्पिटल को जवाब दाखिल करने के लिए ल आरोपी ग्लोबल हॉस्पिटल किराए की बिल्डिंग में चलता था. यह हॉस्पिटल प्रयागराज के झलवा इलाके में एयरपोर्ट के नजदीक स्थित है.
प्रयागराज पुलिस ने इस मामले से जुड़े हुए एक गिरोह का भी पर्दाफाश 21 अक्टूबर को किया था. गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. हालांकि प्रयागराज के अफसरों ने गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स की जगह मौसंबी का जूस नहीं बल्कि प्लाज्मा चढ़ाया जाता था. अफसरों ने जानकारी दी थी कि गिरोह के लोग अस्पतालों के ब्लड बैंकों से किसी तरह प्लाज्मा हासिल कर लेते थे और इसे सीरींज के जरिए निकालकर अलग अलग पैकेट्स में भरने के बाद इसे प्लेटलेट्स बता कर महंगे दामों पर ज़रूरतमंद लोगों को बेच देते थे.
सीरींज से निकाले जाने के दौरान कई बार प्लाज्मा संक्रमित हो जाता था और इसी वजह से मरीजों की तबीयत बिगड़ जाती थी. ग्लोबल हॉस्पिटल में प्रदीप पांडेय नाम के जिस मरीज को नकली या मिलावटी प्लेटलेट्स चढ़ाई गई थी, इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी. प्रशासन ने मरीज के परिजनों व गिरोह के पास से मिले कथित रूप से नकली या मिलावटी प्लेटलेट्स को लैब भेज था.
स्वास्थ्य विभाग ने मरीज की मौत के अगले दिन ही शुरुआती जांच करने के बाद आरोपी ग्लोबल हॉस्पिटल को सील कर दिया था. उस वक्त आशंका यह जताई गई थी कि मरीज को जूस मिला हुआ प्लेटलेटस चढ़ाया गया था. शक यह जताया गया था कि मौसंबी प्लेटलेटस और जूस का रंग एक ही होता है. कथित प्लेटलेट्स के पैकेट से जूस जैसी महक भी आ रही थी.