ब्रिटिश सरकार को एक फेथ एंगेजमेंट रिपोर्ट में बताया गया है कि खालिस्तानी आतंक के समर्थकों को ब्रिटिश लोग देश की सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा मानते हैं।
इसके साथ ही खालिस्तानी आतंक से जुड़ी गतिविधियों और इनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
ब्रिटिश सरकार ने स्वतंत्र सलाहकार कॉलिन ब्लूम को इस संबंध में समीक्षा का अनुरोध किया था। ब्लूम ने 21 हजार से ज्यादा लोगों से बातचीत के आधार पर सरकार से कहा है कि खालिस्तान समर्थकों को जाने-अनजाने में संसद तक पहुंचने से रोकना चाहिए। डज गवर्नमेंट डू गॉड : एन इंडिपेंडेंट रिव्यू इंटू हाऊ गवर्नमेंट एंगेज विद फेथ शीर्षक से प्रस्तुत रिपोर्ट मे ब्लूम ने
‘सिख अतिवाद’ शीर्षक वाले एक खंड में
विस्तार से बताया है कि कैसे ब्रिटिश सिख समुदाय के लोग खुद को खालिस्तानी समर्थकों से जोड़ो जाने पर ठगा हुआ महसूस करते हैं। ब्रिटिश सिख समुदाय के ज्यादातर लोगों का कहना है कि उनके धर्म और पहचान को हाईजैक कर खालिस्तानी आतंक को समर्थन देने वाले ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती हैं।
ब्रिटिश संसद में खालिस्तानी घुसपैठ
बब्बर खालसा और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के दूसरे नामों से ब्रिटेन में सक्रिय होने को चिंताजनक बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद प्रीत कौर गिल जैसे लोगों को संसद के प्रभाव को खालिस्तान के समर्थन का मंच बनाने से रोकने के तरीके तलाशने होंगे।