डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम के सिरसा डेरे में पैरोल (Ram Rahim Parole) के शुक्रवार को दस दिन पूरे हो गए।
दसवें दिन गुरमीत ने सत्संग नहीं किया और वह सुबह 11 बजे से लेकर रात तक तक अपने अनुयायियों से मिलता रहा। डेरा प्रमुख सुबह 11 बजे डेरे की 17 नंबर मोटर और 20 नंबर मोटर के साथ- साथ खेतों में घूमा।
रिजॉर्ट में अनुयायियों से की मुलाकात
इसके बाद वह अपने घोड़ों के अस्तबल में भी पहुंचा और उन्हें प्यार से सहलाया। अस्तबल में उसके पास 15 से 20 घोड़े और घोड़ियां है। इसके बाद खेल गांव और शिक्षण संस्थानों में भी गया। फिर रात को एमएसजी रिजॉर्ट में अपने
प्रमुख अनुयायियों से मुलाकात की।
डेरा प्रमुख से शुक्रवार रात तक मिलने वाले प्रमुख अनुयायियों का सिलसिला जारी था। इससे पहले सिरसा एसपी विक्रांत भूषण ने शुक्रवार दोपहर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डेरे का दौरा किया।
पैरोल के दौरान ट्रेवलिंग का मिलता है अतिरिक्त समय
रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण और पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे गुरमीत सिंह को 28 जनवरी को पैरोल मिली थी। लेकिन पहला दिन कैदी की ट्रेवलिंग में काउंट होता है। ऐसे में 7 फरवरी को उसके सिरसा डेरे में पैरोल के 10 दिन पूरे हो जाएंगे।
हालांकि अभी उसके शनिवार को यूपी के बरनावा आश्रम जाने को लेकर सिरसा प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। कयास लगाए जा रहे हैं शनिवार को पैरोल का 11 वां दिन होने के चलते वह यूपी के बरनावा आश्रम में जा सकता है। गुरमीत को 30 दिन की पैरोल मिली।
जेल नियमों के अनुसार कैदी को पैरोल के दौरान ट्रेवलिंग के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है। डेरा प्रवक्ता जितेंद्र इंसा का कहना है कि डेरा प्रमुख के सिरसा में रुकने या यूपी जाने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है राम रहीम
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को दिल्ली चुनावों से पहले एक बार फिर पैरोल मिली थी। राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी। पैरोल मिलने के बाद राम रहीम डेरे में आकर सीधा वह अपनी गुफा में चला गया। राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले से सजा मिलने के बाद पहली बार सिरसा डेरे में आया है।
पिछले साल अक्टूबर में भी मिली थी पैरोल
इससे पहले राम रहीम को पिछले साल अक्टूबर में पैरोल मिली थी। अक्टूबर में पैरोल मिलने के बाद राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा आश्रम गया था। इस दौरान उसको 20 दिन की सशर्त जमानत मिली थी। हरियाणा चुनाव आयोग को इमरजेंसी पैरोल के लिए अर्जी दी थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था।