रूस (Russia) की राजधानी मास्को में सोमवार को विक्ट्री डे परेड का आयोजन हुआ. सन 1945 में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) की जर्मनी पर विजय की याद में यह आयोजन किया जाता है.
ऐसा ही आयोजन पोलैंड (Poland) में भी हो रहा था, लेकिन वहां रूसी राजदूत सर्गेई एंड्रीव (Sergey Andreev) पर हमला हो गया. रूसी राजदूत पर किसी ने लाल पेंट फेंका, जो सीधे उनके मुंह पर जाकर गिरा. प्रदर्शनकारियों ने रूसी प्रतिनिधिमंडल को वारसा में सोवियत सैनिकों के स्मारक में माल्यार्पण करने से रोक दिया. उन्हें भारी विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच वहां से लौटना पड़ा.
खबरों के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के तौर पर मनाए जाने वाले सालाना विक्ट्री डे समारोह के दौरान पोलैंड में रूसी राजदूत सर्गेई एंड्रीव पर रेड पेंट फेंका गया. युद्ध में मारे गए सोवियत सैनिकों की कब्र के पास ही यह वाकया पेश आया. सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज में देखा जा रहा है कि एंड्रीव पर पीछे की ओर से पेंट फेंका गया, जो उनके चेहरे से खून की तरह टपकते हुए दिखाई दिया.
हालांकि इस घटना के बावजूद राजदूत ने पूरी तरह संयम बरता और वे पेंट पोंछते हुए नजर आए. लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को कुछ नहीं कहा. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी अपनी सफेद पोशाकों पर भी नकली खून लगाए हुए थे, जो यूक्रेन पर रूस के हमले में होने वाले जानमाल के नुकसान का प्रतीक स्वरूप विरोध में था.
प्रदर्शनकारी यूक्रेनी झंडा लिए हुए थे और फासिस्ट के नारे लगा रहे थे. पुलिस सुरक्षा के बीच रूसी प्रतिनिधिमंडल को वहां से वापस जाना पड़ा. यह वाकया रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के 1945 में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की विजय की 77 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिए गए एक भाषण के बाद सामने आया.
पुतिन ने भाषण में कहा था कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई पश्चिमी नीतियों को लेकर समय पर व्यक्त की गई जरूरी प्रतिक्रिया है. पुतिन ने कहा कि जब “मातृभूमि” के भाग्य का फैसला किया जा रहा है, तो उसकी रक्षा करना हमेशा पवित्र है.
द इंडिपेंडेंट के अनुसार गौरतलब है कि पोलैंड यूक्रेन की मदद करने में सबसे आगे रहा है. रूसी बम विस्फोटों के कारण भागे लाखों यूक्रेन निवासियों का पोलैंड ने स्वागत किया. उसने यूक्रेन में “नरसंहार” और “साम्राज्यवादी” कार्रवाई के लिए रूस की आलोचना भी की है. दूसरी ओर रूस ने कथित तौर पर पोलैंड पर मास्को की कार्रवाई का “सबसे बुरा और अभद्र” आलोचक होने का आरोप लगाया है.