दिल्‍ली में सांस लेना फिर मुश्किल, AQI 400 के पार, बारिश से मिली राहत पटाखों के धुएं में स्वाहा

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दिल्‍ली में एक बार फिर लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है. दिल्‍ली में दीवाली से पहले हुई बारिश के बार वायु की गुणवत्‍ता में कुछ सुधार देखने को मिला था.

लेकिन दीवाली के बाद हालत फिर वही हो गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)के अनुसार, दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है. सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार की सुबह एक्‍यूआई (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है. आज आरके पुरम में एक्‍यूआई 417, पंजाबी बाग में 410, आईटीओ में 430 और जहांगीरपुरी में 428 दर्ज किया गया है.

बारिश से मिली राहत, पटाखों के धुएं में हुई स्वाहा
दरअसल, दिल्ली को बारिश के कारण वायु प्रदूषण से जो राहत मिली थी, वो रविवार की रात दीवाली के अवसर पर कथित तौर पर प्रतिबंध के बावजूद फटाखे फोड़ने से स्वाहा हो गई. दीवाली के बाद सोमवार को दिल्ली की सुबह धुंए की परत के बीच हुई और वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया. वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, सोमवार को दिल्ली, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर और कराची शहरों का स्थान था. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर हैं.

रविवार के बाद से लगातार बढ़ा प्रदूषण का स्‍तर
दिल्ली में रविवार को दीवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई थी. इस दौरान 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न चार बजे 218 दर्ज किया गया था. हालांकि, रविवार देर रात तक आतिशबाजी होने से कम तापमान के बीच प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई. सोमवार सुबह सात बजे एक्यूआई 275 (खराब श्रेणी) दर्ज किया गया जो शाम चार बजे तक धीरे-धीरे बढ़कर 358 हो गया. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.

जहां फोड़े पटाखे, वहां बढ़ा प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने बताया, “यह स्पष्ट है कि दीवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दो कारकों पटाखे फोड़ने और पराली जलाने के कारण होती है. इस मामले में आतिशबाजी प्रमुख कारण है.” सोमवार शाम चार बजे समाप्त 24 घंटों में एक्यूआई गाजियाबाद में 186 से बढ़कर 349, गुरुग्राम में 193 से 349, नोएडा में 189 से 363, ग्रेटर नोएडा में 165 से 342 और फरीदाबाद में 172 से 370 हो गयी. इन जगहों पर जमकर पटाखे फोड़े जाने की खबरें आ रही हैं.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दीवाली के अगले दिन पूरे देश के शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि देखी गई. उत्तर प्रदेश के बागपत में एक्यूआई 235 से बढ़कर 385, हरियाणा के कैथल में 152 से 361, पंजाब के भठिंडा में 180 से 380, राजस्थान के भरतपुर में 211 से 346, ओडिशा के भुवनेश्वर में 260 से 380 और कटक में 214 से 355 हो गयी.

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