राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद यादव ने ‘‘कर्मठ कार्यकर्ताओं” की अनदेखी कर दूसरे दलों से आए लोगों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिए जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को संबोधित एक पत्र के माध्यम से अपने इस्तीफे की घोषणा की. यादव ने झंझारपुर सहित ‘‘कम से कम आधा दर्जन सीट” पर ‘आयातित’ उम्मीदवार उतारने पर नाराजगी व्यक्त की है. वह स्वयं पांच बार झंझारपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. यह सीट समझौते के तहत बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी गयी है.
यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘अगर किसी अन्य समान विचारधारा वाली पार्टी से उम्मीदवार लाए जाते तो आपत्ति नहीं होती, लेकिन सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले दलों से आए लोगों को टिकट दिए जाने से घुटन महसूस हो रही है.”
यादव का इशारा भाजपा के पूर्व विधान पार्षद (एमएलसी) सुमन कुमार महासेठ की ओर था जिन्हें वीआईपी ने झंझारपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है.
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पता चलता है कि राजद के लिए राजनीति केवल ‘‘राज के लिए नीति” बनकर रह गई है.