Telangana: 21 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूर…कब तक बाहर निकलेंगे? बचाव अभियान में तेजी लाने को रोबोट कर रहे काम
तेलंगाना में 21 दिन बाद भी एसएलबीसी सुरंग के अंदर फंसे सात लोगों की तलाश जारी है।
लोगों की तलाश के लिए विशेष मशीनरी से लैस एक ‘स्वायत्त हाइड्रोलिक संचालित रोबोट’ तैनात किया गया है। उम्मीद है जल्द ही उनको बाहर निकाल लिया जाएगा।
मैनुअल खुदाई के बजाय रोबोट को काम पर लगाया
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपकरणों में 30 एचपी क्षमता वाला लिक्विड रिंग वैक्यूम पंप और एक वैक्यूम टैंक मशीन शामिल है, जो सुरंग के अंदर मिट्टी को तेजी से हटाने और अन्य कार्यों में सहायक है। मिट्टी को तेजी से हटाने के लिए मैनुअल खुदाई के बजाय, स्वायत्त हाइड्रोलिक-संचालित रोबोट का उपयोग किया जा रहा है।
कई बड़े अधिकारी लगातार कर रहे निगरानी
बयान के मुताबिक, कन्वेयर बेल्ट का उपयोग करके एक घंटे में लगभग 620 क्यूबिक मीटर मिट्टी और मलबे को सुरंग से बाहर निकाला जा सकता है। नवीनतम तकनीक वाली मशीनों के उपयोग से ऑपरेशन को कुशलतापूर्वक करने में मदद मिलेगी। राज्य के विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) अरविंद कुमार खोज अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
इससे पहले दिन में, अभियान में शामिल विभिन्न संस्थानों के कर्मी आवश्यक उपकरण लेकर सुरंग के अंदर गए। सरकारी खनन कंपनी ‘सिंगरेनी कोलियरीज’ के बचावकर्मी, लापता व्यक्तियों की खोज के लिए खनिकों के साथ मिलकर स्थानों पर खुदाई कर रहे हैं।
सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की चुनौती
तेलंगाना सरकार ने बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोबोट तैनात करने का निर्णय लिया है। सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ सहित चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण काफी जोखिम रहता है। बचाव कर्मियों ने कुत्तों द्वारा बताए गए स्थानों पर खोदाई की। केरल पुलिस के बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते 15 फुट की गहराई तक गंध पहचानने में सक्षम हैं।
एक व्यक्ति का शव बरामद
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एचआरडीडी (मानव अवशेष खोजी कुत्ते, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी और अन्य) की टीमें इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर के तौर पर काम करने वाले गुरप्रीत सिंह का शव 9 मार्च को बरामद किया गया था। शव को पंजाब में उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।
सात लोग अभी फंसे
गुरप्रीत सिंह के अलावा, सात अन्य लोग अभी भी फंसे हुए हैं जिनमें मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू शामिल हैं, जो सभी झारखंड के हैं। 22 फरवरी को एसएलबीसी परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद आठ लोग – जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं, वे सभी फंस गए थे।