रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है. अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश रूस से लगातार युद्ध विराम की मांग कर रहे हैं.
इसको देखते हुए अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा भी की है. हाल ही में कुछ यूरोपीय देश राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए रूसी राजनयिकों को देश से जाने के लिए कह दिए हैं.
इसके बाद रूस ने भी मंगलवार को कहा कि वह तीन यूरोपीय देशों के 31 राजनयिकों को निष्कासित कर रहा है. रूसी विदेश मंत्रालय ने नीदरलैंड के 15 राजनयिकों को “persona non grata” घोषित कर दिया है और उन्हें जाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. बता दें कि कोई व्यक्ति persona non grata तब घोषित कर दिया जाता है, जब वे कुछ कहने या किए जाने के कारण अस्वीकार्य हो जाते हैं.
बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने एएफपी को बताया कि इस तरीके से 12 राजनयिकों को निशाना बनाया. मॉस्को ने रविवार तक चार ऑस्ट्रियाई राजनयिकों को जाने के लिए कहा था. बेल्जियम ने रूस के फैसले को “पूरी तरह से अनुचित और निराधार” कहा है.
डच विदेश मंत्री वोपके होकेस्ट्रा (Wopke Hoekstra ) ने कहा कि अब हम यह देखने जा रहे हैं कि इसके क्या परिणाम होंगे कि इतने सारे सहयोगियों को मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग छोड़ना होगा. मॉस्को ने मंगलवार को लक्ज़मबर्ग के दूत को भी तलब किया. बता दें कि नीदरलैंड ने हाल ही 18 रूसी राजनयिकों को बाहर कर दिया था. वहीं रूसी विदेश मंत्रालय ने नीदरलैंड के इस कदम को निराधार बताते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन में रूस के आक्रमण ने इस युद्ध को अनिवार्य रूप से अधिक ‘‘हिंसक, रक्तरंजित और विध्वंसकारी” बना दिया है.
गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए बृहस्पतिवार से शुरू होने वाले और 24 अप्रैल ईस्टर रविवार तक चलने वाले चार दिवसीय पवित्र सप्ताह में आक्रमण पर मानवीय आधार पर रोक की मांग की ताकि मानवीय गलियारे खोले जा सकें. उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि यूक्रेन में युद्धविराम के लिए कई पक्षों द्वारा किए गए प्रयास विफल रहे हैं.