यूक्रेनी शरणार्थियों में शामिल होने के लिए रूसी फिल्म निर्माताओं ने छोड़ दिया पुतिन शासन

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रूस के हमले (Russian Invasion) में यूक्रेन (Ukraine) में भारी तबाही हुई है.

रूसी सेना के टैंकों ने जैसे ही यूक्रेन की सड़कों पर तबाही बरपाना शुरू किया, वैसे ही रूसी फिल्म निर्माता अन्ना शिशोवा-बोगोलीबोवा और दिमित्री बोगोलीबॉव ने रूस की राजधानी मास्को छोड़ने का फैसला कर लिया. अब ये दंपत्ति इजरायल के तेल अवीव से 20 किलोमीटर दक्षिण में स्थित शहर रेहोवोट में किराए कए एक फ्लैट में रह रहा है.

समाचार एजेंसी AFP से बात करते हुए इस दंपत्ति ने कहा, “उनकी लिस्ट में हम भी अगले निशाने पर थे.” बोगोलीबॉव ने कहा, “जब एक बार आपका नाम कथित “विदेशी एजेंटों” की सूची में शामिल हो जाता है, तब आपको “सेल्फ-सेंसरशिप या, तुरंत या बाद में, जेल” के जीवन का सामना करना पड़ता है.”

बोगोलीबॉव ने 2019 में जर्मन-वित्तपोषित डॉक्यूमेंट्री “टाउन ऑफ ग्लोरी” का निर्देशन किया था. यह फिल्म राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा रूसी गांवों में अपना अधिकार स्थापित करने के लिए नाजी जर्मनी के खिलाफ लड़ाई से संबंधित संदर्भों के उपयोग को चित्रित करती है.

दंपत्ति ने कहा कि जैसे-जैसे रूस पर अंतरराष्ट्रीय अलगाव गहराता गया, मॉस्को विदेशी वित्त पोषण से बनी सभी फिल्मों को संदेह की नजर से देखने लगा. इसमें उनकी डॉक्यूमेंट्री भी शामिल है.शिशोवा-बोगोलीबोवा ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, हमें खतरा महसूस हुआ है. खासकर पिछले कुछ महीनों में लोग हमारी जासूसी कर रहे थे और हमारे फिल्म सेट पर तस्वीरें ले रहे थे.”

बावजूद इसके दंपति ने रूस में काम करना जारी रखने का फैसला किया, लेकिन अपने यहूदी वंश का फायदा उठाते हुए, उन्होंने इजरायल की नागरिकता प्राप्त कर ली. इज़राइल का वापसी का कानून कम से कम एक यहूदी दादा-दादी के साथ नागरिकता का अधिकार देता है. यह एक ऐसा मानदंड है जो रूस और यूक्रेन दोनों में हजारों की संख्या में मिलता है.

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