मांगें मान ली जाएं तो यूक्रेन से बातचीत को तैयार, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने रखीं ये तीन शर्तें
यूक्रेन पर युद्ध के 9वें दिन तक कोई बड़ी कामयाबी न मिलने के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया.
पुतिन ने यूक्रेन के शहरों पर बमबारी के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वो बातचीत करने को तैयार हैं.
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि यूक्रेन के शहरों पर बमबारी की खबरें गलत और फर्जी हैं. पुतिन का यह बयान उनकी जर्मन चांसलर ओलाफ सोल्ज के साथ बातचीत के दौरान आया.
पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य बड़े शहरों में हवाई हमलों की खबर एक बहुत बड़ा दुष्प्रचार है. उन्होंने साफ किया कि यूक्रेन पर बातचीत तभी संभव है, जब उनकी मांगें मान ली जाएं.
क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन ने इस बात की पुष्टि की है कि रूस के लिए यूक्रेनी पक्ष और अन्य सभी के साथ वार्ता का विकल्प खुला है. लेकिन शर्त है कि रूस की सभी मांगों को मान लिया जाए.
इसमें यूक्रेन का तटस्थ औऱ गैर परमाणु देश होना, उसके द्वारा क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानना और पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों की संप्रभुता की शर्त शामिल है. इसमें दोनों पक्षों के बीच तीसरे दौर की वार्ता को लेकर उम्मीद जाहिर की गई.
साथ ही यह आशा जताई गई कि यूक्रेन की सरकार तार्किक और सकारात्मक रुख दिखाएगी. कीव के वार्ताकारों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीत अगले दौर की बातचीत सप्ताहांत होने की संभावना है. यूक्रेन और रूस के बीच अब तक दो दौर की वार्ता हो चुकी है, हालांकि इस बातचीत में अभी तक कोई खास नतीजा नहीं निकला है.
उधर, रूसी संसद ड्यूमा के स्पीकर ने दावा किया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की देश छोड़कर पोलैंड जा चुके हैं. हालांकि यूक्रेनी प्रशासन की ओर से इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का न्योता ठुकराते हुए कहा था कि अगर वो मदद करना चाहते हैं तो हथियार दें. उन्हें देश छोड़ने के लिए सवारी नहीं चाहिए.
गौरतलब है कि यूक्रेन पर हमले के नौ दिन बीत चुके हैं. रूसी सेना द्वारा यूक्रेन पर अचानक हमला करने और तीव्र गति से कीव पर कब्जा करने की रणनीति कामयाब होते नहीं दिख रही है. रूसी फौज की ओऱ से लगातार यूक्रेन के बड़े शहरों को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि वो बड़े शहरों के भीतर घुसने में सफल होती नहीं दिख रही है.