विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद पहुंचे।
यह नौ वर्षों बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा है। पाक की राजधानी के पास स्थित नूर खान एयरबेस पर जयशंकर का पाकिस्तान के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
जयशंकर तकरीबन 24 घंटे पड़ोसी देश में रहेंगे
जयशंकर की रात को पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ से एससीओ प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान मुलाकात हुई। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और बहुत संक्षिप्त बातचीत की। जयशंकर तकरीबन 24 घंटे पड़ोसी देश में रहेंगे। भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि जयशंकर की यह यात्रा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने के उद्देश्य से नहीं है।
इसके बावजूद पाकिस्तान के पूर्व पीएम व सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के मुखिया नवाज शरीफ, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बातचीत शुरू करने की बात कही है। हालांकि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि भारत के रुख में बदलाव होगा। वैसे जयशंकर और पाक पीएम की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते ठंडे हैं। दिलचस्प बात यह है कि रात्रिभोज के दौरान भारतीय शास्त्रीय नृत्य ‘भरतनाट्यम’ भी प्रस्तुत किया गया।
जयशंकर भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे
विदेश मंत्रालय की तरफ से जयशंकर की पाक यात्रा को लेकर एक संक्षिप्त सूचना सार्वजनिक की गई है। इसमें कहा गया -‘ एससीओ के सदस्य देशों के प्रमुखों की 23वीं बैठक 16 अक्टूबर को होगी। सालाना तौर पर होने वाली इस बैठक में व्यापार व आर्थिक एजेंडे पर चर्चा होती है। विदेश मंत्री एस जयशंकर इसमें भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ के तहत गठित विभिन्न व्यवस्थाओं में लगातार सक्रिय रहता है। ‘
स्वयं जयशंकर ने भी अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल पर यह जानकारी दी और पाकिस्तान के बच्चों की तरफ से गुलदस्ता स्वीकार करते हुए फोटो साझा किया। एससीओ की इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की तरफ से भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया गया था।
यह भी बता दें कि वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में एससीओ की बैठक हुई थी। तब पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आए थे। उसके बाद एससीओ के देशों की सरकारों के प्रमुखों की बैठक भारत ने वर्चुअल तरीके से आयोजित करने का फैसला किया था।
सुषमा स्वराज ने दिसंबर, 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी
इसके पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर, 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी। तब वह अफगानिस्तान पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गई थीं। जयशंकर तब विदेश सचिव थे और वह भी स्वर्गीय स्वराज के दल का हिस्सा थे। उस दौरे में स्वराज ने पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की थी और उसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों की भी एक बैठक हुई थी।
वर्ष 2008 के मुंबई हमले के बाद खराब हुए द्विपक्षीय रिश्ते को सुधारने के लिए नए सिरे से समग्र वार्ता फिर से शुरू करने की सहमति बनी थी। इसके बाद पीएम मोदी भी 25 दिसंबर, 2015 को शरीफ के घर में एक शादी में हिस्सा लेने के लिए अचानक पहुंच गए थे। द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के नए संकेत मिले थे लेकिन उसके बाद भारत के कई हिस्सों में आतंकवादी हमलों के बाद हालात तेजी से बदल गए। बाद में भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला भी किया।
द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारना संभव नहीं
अगस्त, 2019 में जम्मू व कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने के भारत के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई। भारत का स्पष्ट तौर पर कहना है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का रवैया ठीक नहीं होगा, द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारना संभव नहीं है। उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को विभिन्न एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और आपासी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।