Delhi Pollution: वायु प्रदूषण की निगरानी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, 30 सितंबर तक मांगे गए प्रस्ताव

0 24

राजधानी में वायु प्रदूषण की निगरानी अब निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली गई है। विशेषज्ञ एजेंसी रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट अध्ययन (वास्तविक समय में प्रदूषक तत्वों का अध्ययन) करेगी। मोबाइल मॉनिटरिंग लैब के संचालन का जिम्मा भी इसी एजेंसी के पास रहेगा।

अगले महीने तक निजी एजेंसी को यह दायित्व सौंप दिए जाने की प्रबल संभावना है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इसे लेकर टेंडर निकाला है। इसी 30 सितंबर तक विशेषज्ञ एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। 18 सितंबर को प्री बिड बैठक रखी गई है। चयनित एजेंसी के साथ एक वर्ष का अनुबंध किया जाएगा।

एजेंसी को वायु प्रदूषण के स्तर एवं उसके कारकों की हिस्सेदारी पर रोज, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक रिपोर्ट तैयारी करनी होगी। साथ ही मोबाइल मॉनिटरिंग लैब वेन को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में तैनात कर वहां के प्रदूषण और प्रदूषक तत्वों पर भी अध्ययन रिपोर्ट बनानी होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण थामने के लिए क्षेत्र विशेष की कार्य योजना तैयार की जाएगी।

पर्यावरण मंत्री ने दिया था आदेश
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 27 अगस्त को ही पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सर्दी शुरू होने से पूर्व रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से चालू कर दिया जाए।

शुरू होने बाद ही विवादों में हो गई थी बंद
दिल्ली सरकार ने 2021 में वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले स्रोतों की पहचान करने और प्रभावी नीतियां बनाने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ रियल टाइम अपोर्शनमेंट अध्ययन करने का निर्णय लिया था। सात जुलाई 2021 को कैबिनेट ने निर्णय लिया।

आईआईटी कानपुर को 12.727 करोड़ रुपये और जीएसटी मूल्य के साथ वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट अध्ययन और पूर्वानुमान तैयार करने की परियोजना सौंपी गई। लेकिन डीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अश्विनी कुमार के साथ आप सरकार के विवाद में 30 जून 2024 को शुरू हुई सुपरसाइट कुछ माह बाद ही बंद हो गई थी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.