मणिपुर में हिंसा भड़कने से फिर बिगड़े हालात, राज्य सरकार ने केंद्र से कहा- ‘हटा दें AFSPA’

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मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों से एएफएसपीए (AFSPA) की समीक्षा करने और उसे हटाने का अनुरोध किया है।

एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू कर दिया है।

बता दें कि मणिपुर के मौजूदा हालात को देखते हुए इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्व में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्य में छह लोगों की हत्या के खिलाफ घाटी के जिलों में ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है, जिनके शव जिरीबाम में कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद बरामद किए गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर भी धावा बोला।

गृह सचिव ने केंद्र को लिखा पत्र
केंद्र को संयुक्त सचिव (गृह) के एक पत्र में उल्लेख किया गया है कि “राज्य मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को हुई अपनी बैठक में इस (अफ्सपा को फिर से लागू करने) पर विचार-विमर्श किया है और केंद्र सरकार को इसकी समीक्षा करने और इसे वापस लेने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है।”

राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को एएफएसपीए 1958 की धारा 3 के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया, ” अनुरोध है कि जनहित में 14-11-2024 की अधिसूचना की समीक्षा करें और इसे वापस लें।”

इन क्षेत्रों मे फिर से लागू हुआ था AFSPA

गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई पीएस और लामसांग पीएस, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में एएफएसपीए को फिर से लागू कर दिया था।

एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों से एएफएसपीए की समीक्षा करने और उसे हटाने का अनुरोध किया है।

क्या है AFSPA?
अफस्पा’ (AFSPA) एक ऐसा अधिनियम है, जो ‘अशांत क्षेत्रों’ को ‘शांत’ करने के तहत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों को असीमित ताकत देता है। इसे जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार लागू कर सकती है। इसके तहत सुरक्षाबलों को अशांत क्षेत्र घोषित एरिया में यह अधिकार मिल जाता है कि वह कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी वारंट और रोक के एक्शन ले सकती है।

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