US-South Africa: दक्षिण अफ्रीका ने रूस को हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाने के लिए अमेरिका की निंदा की

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यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध का अभी कोई अंत होता नहीं दिख रहा, एक तरफ दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है दूसरी तरफ दुनिया के कई देश भी गुटों में बंट गए हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका पर रूस को हथियार आपूर्ति का आरोप लगाया। इसके बाद अब दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर अमेरिकी राजदूत को शुक्रवार को तलब किया और आरोप लगाने के लिए अमेरिका की निंदा की।

अमेरिकी राजदूत रूबेन ब्रिगेटी ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहे रूस को दक्षिण अफ्रीका ने हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराये थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास सूचना थी कि रूसी पोत लेडी आर को पिछले साल के अंत में दक्षिण अफ्रीकी तट पर सिमोनस्टाउन के नौसैनिक अड्डे पर हथियारों से लादा गया था।

ब्रिगेटी ने कहा कि हम (अमेरिका) आश्वस्त हैं कि हथियार उस जहाज में लादे गए थे और मैं इस दावे की सटीकता को लेकर अपना जीवन दांव पर लगा दूंगा। ब्रिगेटी की टिप्पणियों के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पुष्टि की कि दिसंबर में रूसी मालवाहक पोत लेडी आर के दौरे को लेकर जांच जारी है। रामफोसा ने कहा है कि इसकी एक स्वतंत्र जांच शुरू की है और अगर कोई गलत काम किया है तो कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।

दक्षिण अफ्रीकी मंत्री खुम्बुद्जो नत्शावेनी ने कहा कि रूस को किसी भी हथियार की बिक्री का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। दक्षिण अफ्रीका को अमेरिका द्वारा धमकाया नहीं जा सकता है। वे हमारे साथ ऐसा व्यवहार करना चाहते हैं जैसे कि हम उनके राज्यों में से एक हैं। हम नहीं हैं। हम एक संप्रभु और गणतंत्र राज्य हैं। आगे कहा कि जब आप कहते हैं कि आपको ये चिंताएँ हैं, तो हम आपसे, आधिकारिक तौर पर, नेशनल कन्वेंशनल आर्म्स कंट्रोल कमेटी से कहते हैं, हमारे पास यूक्रेन, रूस और बेलारूस को हथियार बेचने के लिए दक्षिण अफ्रीका के किसी भी प्राधिकरण का रिकॉर्ड नहीं है।

उन्होंने राजदूत के कदम की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी मुद्दे पर अमेरिका की चिंताओं को उठाने का यह गलत तरीका है। यदि अमेरिका को दक्षिण अफ्रीका में किसी भी चीज के बारे में चिंता है, तो वह जांच करे। दक्षिण अफ्रीका के पास रूस के खिलाफ कोई प्रतिबंध नहीं है और वह किसी भी विवाद में शामिल नहीं होना चाहता है जो अमेरिका के रूस या चीन के साथ हो सकता है।

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