अलगाववादी सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
एक तरफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया है। वहीं, दूसरी ओर भारत ने उनके इस आरोप को बेतुका बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है।
इस विवाद के बीच श्रीलंका ने भारत का समर्थन किया है। कनाडा के आरोपों को गलत बताते हुए श्रीलंका ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया ‘दृढ़ और सीधी’ रही है और कोलंबो इस मामले पर नई दिल्ली का समर्थन करता है।
भारत के समर्थन में आया श्रीलंका
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत में निवर्तमान श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा कि श्रीलंका के लोगों को आतंकवाद के कारण नुकसान उठाना पड़ा है और उनके देश ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत की प्रतिक्रिया असमान, दृढ़ और सीधी रही है। मुझे लगता है कि जहां तक हमारा सवाल है, हम इस मामले में भारत का समर्थन करते हैं। अब मैं 60 वर्ष का हूं, अपने जीवन के 40 वर्ष, हमने श्रीलंका में आतंकवाद के विभिन्न रूपों का सामना करते हुए बिताए हैं। मैंने आतंकवाद के कारण अपने कई मित्रों और सहकर्मियों को खो दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी का मानना है कि कई श्रीलंकाई आतंकवाद के कारण मारे गए हैं। मेरा मानना है कि यह बहुत स्पष्ट है क्योंकि हमने सहन किया है और हमने कष्ट सहा है।’
कब बढ़ा कनाडा-भारत के बीच विवाद
कनाडा-भारत विवाद ने तूल तब पकड़ा जब 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत की संलिप्तता होने का आरोप लगाया। इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
गौरतलब है कि निज्जर की हत्या 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी। इस बीच भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडा की ओर से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।