चिराग पासवान को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएंगे मांझी, पूर्व सीएम के बयान से NDA में मचेगा बवाल

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अपने बयानों से बिहार की सियासत को अक्सर गरम करने वाले पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एक चुनावी नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए शुक्रवार को एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे एनडीए के भीतर बवाल मचना तय माना जा रहा है.

मांझी की इस नुक्कड़ सभा में लोजपा रामविलास के अध्यक्ष और हाजीपुर से एनडीए उम्मीदवार चिराग पासवान भी मौजूद थे. दरअसल, एनडीए ने पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी को गया संसदीय सीट से अपना साझा उम्मीदवार बनाया है. जीतनराम मांझी ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है और घूम-घूमकर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. शुक्रवार को मांझी की नुक्कड़ सभा में लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने मांझी के साथ मंच साझा किया.

चिराग बिहार का भविष्य
अपने भाषण के दौरान मांझी ने एक ऐसी बात कह दी, जो एनडीए में घमासान मचाने के लिए काफी है. मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उनके ऊपर सवाल उठाए और चिराग पासवान को बिहार का भविष्य बता दिया. नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि चिराग बिहार का भविष्य हैं. केंद्र सरकार में जाकर हमलोग परिस्थितियां बनाएंगे कि बिहार का अगला भविष्य चिराग पासवान बनें. मांझी ने कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर और बिहार के भविष्य को देखते हुए एनडीए के पक्ष में वोट कीजिए.

NDA के पक्ष में वोट की अपील
गया में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव है. अबकी बार 400 पार का नारा पीएम मोदी की तरफ से दिया गया है. बिहार की सभी 40 सीटें देने का वादा उनसे हमलोगों ने किया है. इसे लेकर हमलोग अपने-अपने क्षेत्रों में लगे हुए हैं. इस दौरान मांझी ने लोगों से एनडीए के पक्ष में वोट करने की अपील की.

पुरानी आदत
बता दें कि जीतन राम मांझी जिस भी गठबंधन के साथ रहे हैं, उसके ऊपर सवाल उठाते रहे हैं. अपने ही गठबंधन के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करना मांझी की पुरानी आदत रही है. वे खुलकर तो कुछ नहीं कहते लेकिन उनका निशाना किसकी तरफ होता है और वे इशारों-इशारों में क्या कहना चाहते हैं, हर किसी को समझ में आता है.

बनाते हैं दबाव
जीतनराम मांझी जब महागठबंधन में थे तो कभी तेजस्वी यादव तो कभी नीतीश कुमार पर सवाल उठाते रहते थे. शराबबंदी को खत्म कराने के लिए मांझी अक्सर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठाते रहे हैं. महागठबंधन से अलग होकर मांझी जब एनडीए में शामिल हुए तो चार विधायकों के दम पर सरकार पर दो से तीन मंत्री पद के लिए दबाव बनाने लगे. अब जब उनकी मांग पूरी हो गई है तो पासवान जाति के वोटरों को साधने के लिए नीतीश के बदले चिराग को बिहार का भविष्य बताने लगे हैं.

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