बिहार में गर्मी से हाल हुआ बेहाल, 337 स्कूली बच्चों की बिगड़ी तबियत; दारोगा समेत 12 की मौत

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राज्य में बढ़ते तापमान और हीट वेव की वजह से कुछ हिस्सों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

इसकी वजह से विशेषकर स्कूली बच्चे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बुधवार को राज्यभर में लू लगने से एक दारोगा समेत 12 लोगों की मौत की सूचना है।

गर्मी की वजह राज्यभर में 337 विद्यार्थियों और शिक्षक- शिक्षिकाओं की तबीयत बिगड़ गई। कुछ की नाक से खून निकलने की भी शिकायत रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल प्रभाव से राज्य के सभी सरकारी, निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों तथा कोचिंग संस्थानों को 30 मई से आठ जून तक बंद करने का आदेश मुख्य सचिव को दिया है।

बच्चे, शिक्षक, सफाईकर्मी और रसोइया बेहोश
मालूम हो कि सूबे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार सरकारी विद्यालयों का संचालन सुबह छह से दोपहर एक बजे के बीच किया जा रहा था। जबकि निजी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी है। पहले गर्मी की छुट्टी मई माह में होती थी मगर इस बार अप्रैल में ही कर दी गई। ऐसे में भीषण गर्मी की चपेट में आने से बच्चे तो बच्चे शिक्षक, सफाईकर्मी व रसोइया बेहोश हो गए।

मुख्य सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी
बुधवार को लू लगने के बाद अचेत हुए काराकाट लोकसभा क्षेत्र के डेहरी में चुनाव ड्यूटी पर तैनात दारोगा देवनाथ राम की मौत हो गई। शेखपुरा में 50, नवादा में 10, गया में आठ, औरंगाबाद में आठ, गोपालगंज में 12 समेत कुल 88 छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। इससे आक्रोशित अभिभावकों ने मनकौल गांव के पास-शेखपुरा-पकरीबरवां सड़क को जाम कर दिया और अपर मुख्य सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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