पृथ्वी के आंतरिक कोर के घूमने की गति उसकी सतह की तुलना में कम हो रही है। इसकी वजह से आने वाले समय में धरती पर दिन छोटे हो सकते हैं। हालांकि दिन की लंबाई में कमी एक सेकेंड से भी कम होगी।
एक नए अध्ययन में इस बात के स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं कि पृथ्वी की आंतरिक कोर के घूमने की गति वर्ष 2010 में कम होना शुरू हो गई है। पृथ्वी का आंतरिक कोर लोहे और निकल से बना एक ठोस गोला है। यह तरल बाहरी कोर (पिघली हुई धातुओं से बना) के भीतर लटका हुआ है और गुरुत्वाकर्षण द्वारा अपने स्थान पर स्थिर है।
आंतरिक और बाहरी कोर मिलकर पृथ्वी की तीन परतों में से एक बनाते हैं । पृथ्वी की अन्य दो परतें मेंटल और क्रस्ट हैं। मेंटल परत बर्फ और चट्टानों से बनी है। इसकी चौड़ाई करीब 2900 किलोमीटर होने का अनुमान है। इसका तापमान 500 से 900 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। क्रस्ट वह बाहरी परत है, जिस पर हम रहते हैं। इसकी मोटाई लगभग 0-60 किमी है। यह एक ठोस चट्टानी परत है।
शोधकर्ता आम तौर पर भूकंप द्वारा भेजी गई तरंगों की रिकार्डिंग का विश्लेषण करके कोर का अध्ययन करते हैं। भूकंप की तरंगों की रिकार्डिंग को सिस्मोग्राम कहते हैं। अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पृथ्वी विज्ञान के प्रोफेसर जान विडाले ने कहा जब मैंने पहली बार सिस्मोग्राम को देखा तो चकरा गया क्योंकि यह बदलाव का संकेत दे रहा था।
विडाले ने कहा कि जब हमने 20 और सिस्मोग्राम को देखा तो पाया कि ये सभी समान पैटर्न की ओर संकेत कर रहे हैं। नतीजे स्पष्ट थे। आंतरिक कोर कई दशकों में पहली बार धीमी हुई है। यह अध्ययन नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। आंतरिक कोर की गति धीमी होना वैज्ञानिक समुदाय के बहस का बड़ा मुद्दा है।
कुछ अध्ययन का मानना है कि आंतरिक कोर पृथ्वी की सतह की तुलना में तेजी से घूम रही है। आंतरिक कोर का घूमना बाहरी कोर में उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र और पृथ्वी की मेंटल परत के भीतर गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होता है।
हालांकि ऐसा माना जाता है कि लगभग 40 वर्षों में पहली बार मेंटल की तुलना में धीमी गति से घूमने के कारण आंतरिक कोर सतह के सापेक्ष विपरीत और पीछे जा रही है। विडाले का कहना है कि ज्यादातर विज्ञानियों ने इसी तरह के या अलग माडल के लिए तर्क दिए हैं। लेकिन हमारा अध्ययन सबसे भरोसेमंद निष्कर्ष मुहैया कराता है।