एक बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए ‘ग्रीष्म अवकाश/छुट्टी’ शब्द के स्थान पर ‘आंशिक अदालत कार्य दिवस’ शब्द का प्रयोग कर दिया है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में नियमों में संशोधन कर इसे अधिसूचित किया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अदालत के आंशिक कार्य दिवसों की अवधि और दफ्तरों के लिए छुट्टियों की संख्या CJI द्वारा तय की जाएंगी और आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा, ताकि रविवार को छोड़कर यह संख्या 95 दिनों से अधिक न हो. पहले यह संख्या 103 थी.
2025 के सुप्रीम कोर्ट कैलेंडर के अनुसार, “आंशिक अदालत कार्य दिवस” 26 मई 2025 से शुरू होकर 14 जुलाई 2025 तक रहेंगे. इसके साथ ही “अवकाश जज ” शब्द को “जज ” से बदल दिया गया है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में हर साल मई-जुलाई के दौरान सात सप्ताह से अधिक का ग्रीष्मकालीन अवकाश होता है, लेकिन इस दौरान दो से तीन अवकाशकालीन बेंच होती हैं, जिसमें जज सुनवाई करते हैं.
इसी तरह दिसंबर में भी सर्दियों की छुट्टियां होती हैं. पिछले कुछ वक्त से सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियों को लेकर चर्चा और सवाल होते रहे हैं. हालांकि, CJI डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य कई जज इस मुद्दे पर ये कह चुके हैं कि इस दौरान जज बाहर जाकर छुट्टियां नहीं मनाते बल्कि छुट्टियों का उपयोग अक्सर लंबित निर्णय लिखने के लिए किया जाता है.
आपको बता दें कि देश के अगले चीफ जस्टिस जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) होंगे. वे 11 नवंबर को पद संभालेंगे. वे देश के 51वें चीफ जस्टिस होंगे. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ दो साल के कार्यकाल के बाद 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने 8 नवंबर, 2022 को सीजेआई के रूप में पदभार संभाला. प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति खन्ना का कार्यकाल करीब छह महीने का होगा और वह 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.