दीपावली का पर्व 4 नवंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाते हैं।
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजन का विधान है। दिवाली पूजन नें पानी में पाए जाने वाली कुछ चीजों का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में जल का संबंध चंद्रमा से माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी और मां लक्ष्मी भी समुद्र से ही प्रकट हुई थीं। इसलिए दिवाली की रात पानी में पाए जाने वाली इन 6 चीजों का विशेष महत्व है। आप भी जान लें-
1. गोमती चक्र- दिवाली पूजन में गोमती च्रक का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। गोमती नदी में शीप जैसी एक सफेद चीज मिलती है, जिस पर च्रक बना होता है उसे गोमती चक्र कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस चक्र पर भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र होता है, जो सभी नकारात्मकता का नाश करता है। लक्ष्मी पूजन के बाद गोमती चक्र को तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से बरकत होती है। ध्यान रहे कि पूजन में 11 गोमती चक्र रखने चाहिए।
2. जल सिंघाड़ा- माता लक्ष्मी के पसंदीदा फलों में सिंघाड़ा आता है। मान्यता है कि दिवाली पूजन में सिंघाड़ा शामिल करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।
3. कमल का फूल- महालक्ष्मी पूजन में कमल के फूल का विशेष महत्व है। दिवाली पूजन में मां लक्ष्मी को कमल का पु्ष्प अर्पित करना बेहद शुभ और मंगलकारी माना जाता है। कमल को शुभ, सौंदर्य और आर्थिक संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
4. समुद्र का जल- अगर आपको समुद्र का जल मिल जाता है तो उसे दिवाली पूजन में जरूर शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि मां लक्ष्मी जल से ही प्रकट हुई हैं। पूजन के दौरान जल को कलश में भरकर रखना चाहिए और पूजा के बाद घर में जल से छींटे देने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है।
5. शंख- दिवाली पूजन में शंख शामिल करना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि शंख दरिद्रता और दुख को दूर करता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों को शंख अतिप्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है।
6. मोती- दिवाली की रात पूजन स्थल पर मोती रखना चाहिए या धारण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।