स्वीडन गुरुवार को अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल हो गया।
वह इस संगठन का 32 वां सदस्य देश बन गया है। दो वर्ष से जारी यूक्रेन युद्ध से सबक लेते हुए स्वीडन ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 75 वर्षों से बनी अपनी निष्पक्षता को त्यागकर नाटो की सदस्यता ग्रहण की है।
नाटो को लेकर ही यूक्रेन से छिड़ी थी रूस की जंग
यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की इच्छा को देखते हुए ही रूस ने उस पर फरवरी 2022 में हमला किया था और वहां पर अभी तक बर्बादी जारी है। वाशिंगटन में आयोजित समारोह में स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टेसन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किए।
स्वीडन के शामिल होने पर ब्लिंकन बोले- ये ऐतिहासिक पल
इस समझौते का मसौदा अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आधिकारिक रूप से जमा हो गया है। इस मौके पर ब्लिंकन ने कहा कि स्वीडन के लिए यह ऐतिहासिक अवसर है। इस समझौते से हम और ज्यादा मजबूत हुए हैं। जबकि क्रिस्टेसन ने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में स्वीडन के और ज्यादा सुरक्षित होने की बात कही है।
इससे पहले क्रिस्टेसन व्हाइट हाउस गए थे जहां राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनका राजकीय स्वागत किया था। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में स्थित नाटो के मुख्यालय में अन्य सदस्य देशों के साथ स्वीडन का भी झंडा लगा दिया गया है।