अतीक गैंग पर प्रशासन का चाबुक, राजमिस्त्री के नाम पर खरीदी ये जमीन अब सरकारी हुई

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उत्तर प्रदेश में माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का आंतक कभी इस कदर हुआ करता था कि उसकी जमीन की कुर्की तो क्या कोई उस पर नजर भी नहीं रख सकता था.

वह कुर्क की गई संपत्ति को भी रिलीज करवा लिया करता था. लेकिन कमिश्नरेट लागू होने के बाद माफिया के बुरे दिन शुरू होते गए. माफिया अतीक अहमद तो साल 2023 में एक हमले में पहले ही मारा जा चुका है. अब उसके गैंग के सदस्यों के भी बुरे दिन शुरू हो गए हैं. अतीक की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति अब सरकारी हो गई है. ये फैसला गैंगस्टर कोर्ट ने सुनाया है. माफिया की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति पर अब सरकारी ठप्पा लग गया है.

दरअसल अतीक ने राजमिस्त्री के नाम से गौसपुर कटहुला में 2.3447 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की गैंगस्टर कोर्ट ने जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया है. बता दें कि इस जमीन को सरकारी खाते में लाने के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस ने करीब 11 महीने में कुर्की से लेकर जमीन को सरकारी खाते में शामिल करने की ऐतिहासिक कार्रवाई की.

अतीक की बेनामी संपत्ति पर अब सरकारी ठप्पा
गैंगस्टर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर खरीदी गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया. दरअसल अतीक अहमद ने राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर एयरपोर्ट के पास साल 2015 में 25 बीघा जमीन खरीदी थी. यमुनानगर के नैनी और गंगानगर के झुंसी इलाके में भी माफिया की बेनामी संपत्ति है. आदेश के अनुपालन में डीएम अब खतौनी में हुबलाल की जगह पर राज्य सरकार का नाम दर्ज कराएंगे.

राजमिस्त्री को धमकाकर उसके नाम लिखवाई जमीन
बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार और गुर्गो की करीब 500 करोड़ रुपए से अधिक की प्रापर्टी अब तक कुर्क की जा चुकी है. कैंट थाने में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ 2020 में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे की विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला था कि एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में अतीक की लगभग 25 बीघा जमीन है. ये जमीन अनुसूचित जाति के राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर थी. इस जमीन को अतीक ने कटहुला गौसपुर में खरीदा था. जमीन की सरकारी कीमत लगभग 12.42 करोड़ और बाजार कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है. पूछताछ में हुबलाल ने पुलिस को बताया कि साल 2015 में उसे धमकाकर उसके नाम पर जमीन लिखवाई गई थी.

जमीन पर दावा करने कोई नहीं आया
वहीं प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 6 नवंबर 2023 को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत इस जमीन को कुर्क कर लिया गया था. प्रापर्टी से संबंधित साक्ष्य दिखाने के लिए तीन महीने तक कोई नहीं आया. जमीन पर किसी का दावा न होने पर पुलिस ने गैंगस्टर कोर्ट में पत्रावली भेजी. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई को पुष्ट करते हुए संपत्ति राज्य सरकार में निहित करने का दिया आदेश.

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