शहर के तीन प्रतिष्ठित सराफा व्यापारियों से सेटेलाइट फोन कॉल के जरिये 1.30 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है।
अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरार के नाम से मांगी गई रंगदारी की रकम शाम तक बैंक खातों में जमा न कराने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी से व्यापारियों में दहशत है।
इस मामले में कार्रवाई की मांग के लिए तमाम व्यापारी कोतवाली में एसएसआई से मिले। बाद में उन्होंने एसपी चंद्रमोहन सिंह को इस बारे में अवगत कराते हुए संबंधित व्यापारियों को सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई। एसपी ने तीनों व्यापारियों को सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक वर्मा के भाई पुरुषोत्तम वर्मा की मुख्य बाजार में श्री गुरु ज्वैलर्स नाम से दुकान है। मंगलवार शाम 4:40 बजे पुरुषोत्तम वर्मा को सेटेलाइट फोन से कॉल आई। कॉलर ने खुद को गोल्डी बरार गिरोह से जुड़ा हुआ बताते हुए 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। उसने रुपये की डिमांड करते हुए कहा कि वह शाम तक खाते का नंबर भेज रहा है। खाते में रकम डाल दो अन्यथा इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा।
इसके बाद शाम 4:52 बजे मुख्य बाजार के आनंद ज्वैलर्स के स्वामी विवेक वर्मा को भी सेटेलाइट फोन से कॉल आई। इस बार कॉलर ने कहा कि ‘30 लाख रुपये का इंतजाम कर शाम तक।’ यह पूछने पर कि कौन बोल रहे हो, कॉलर ने जवाब दिया कि ‘लॉरेंस विश्नोई बोल रहा हूं पंजाब जेल से। तेरे काशीपुर में गोली चली है, समझ ले। जान प्यारी है तो 30 लाख का इंतजाम कर शाम तक नहीं तो गोली चलेगी तेरी दुकान पर।’ सराफ के यह कहने पर कि मैं रुद्रपुर से बोल रहा हूं, कपड़े की दुकान पर काम करता हूं। इस पर कॉलर ने अभद्रता करते हुए कहा कि ‘झूठ बोल रहा है। मैं सब जानता हूं।’
इसके बाद शाम 5:07 बजे इसी नंबर से मेन बाजार निवासी अशोक ज्वैलर्स के स्वामी गौरव अग्रवाल को भी सेटेलाइट फोन से कॉल आई। कॉलर ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। कॉलर ने बताया कि वह पंजाब की मोगा जेल से बोल रहा है। आधे घंटे के भीतर तीन प्रतिष्ठित सराफा व्यापारियों को रंगदारी के लिए धमकी मिलने से क्षेत्र में खलबली मच गई।
बड़ी संख्या में व्यापारियों ने कोतवाली पहुंचकर एसएसआई प्रदीप मिश्रा को इस बारे में अवगत कराया। बाद में उन्होंने एसपी चंद्रमोहन सिंह से मिलकर उन्हें प्रकरण की जानकारी दी। एसपी ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया। एसपी ने बताया कि इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। केस के खुलासे के लिए कई एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी।
चार साल पहले पुरुषोत्तम के भाई दीपक को मारी थी गोली
व्यापारी नेता दीपक वर्मा पर हुए कातिलाना हमले की गुत्थी चार साल बाद भी नहीं सुलझ सकी है। उन्हें नवंबर 2017 में रंगदारी के लिए धमकी मिल चुकी है। 12 जुलाई 2018 को रात करीब आठ बजे दीपक अपनी दुकान से घर लौट रहे थे। इसी दौरान बदमाश आए और उन पर फायर कर फरार हो गए। इस मामले में उनके भाई पुरुषोत्तम वर्मा ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। लेकिन आज तक पुलिस व्यापारी नेता दीपक पर हुए हमले की वारदात का खुलासा नहीं कर सकी है।