UP Nikay Chunav: योगी रहे भाजपा की जीत के नायक, 43 जिलों में 50 जनसभाएं कर भाजपा के प्रचार अभियान को गर्माया

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नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत में पार्टी के सभी किरदारों ने अपनी भूमिका निभाई, लेकिन इस आशातीत विजय के नायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही ठहरे।

यूं तो निकाय चुनाव में भाजपा संगठन और सरकार दोनों ने ही ताकत झोंकी थी, लेकिन निसंदेह भाजपा के प्रचार रथ की रास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थामे हुए थे। भाजपा का प्रचार उनके इर्द-गिर्द घूमता दिखा।

योगी ने 13 दिनों में 50 जनसभाएं कर अपनी आक्रामक शैली से भाजपा के प्रचार अभियान को उफान पर तो ला ही दिया, जनता के बीच लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर उन्होंने विरोधियों को भी बौना साबित कर दिया।

निकाय चुनाव जीतकर भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए योगी ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया। योगी ने प्रदेश को तो मथा ही, अपनी संवाद शैली से भी उन्होंने विरोधियों पर धावा बोला। चुनावी जनसभाओं के मंच से उन्होंने नगरों-महानगरों की तस्वीर बदलने का दम भरा तो अपनी सरकार को प्रदेश में कानून के राज की स्थापना का श्रेय देकर विरोधियों की बखिया उधेडऩे में कोई कोताही नहीं की।

लोगों के बीच जाकर उन्होंने जिस आक्रामक तरीके से प्रदेश में बदली कानून-व्यवस्था व विकास के मुद्दों को उठाया, उसने विपक्षियों की धार को भी कुंद कर दिया। योगी कुख्यातों पर गरजे तो नगर निकाय के चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट भी खूब बरसे।

अपनी एक चुनावी जनसभा में योगी ने जिस विश्वास से ‘नो कर्फ्यू, नो दंगा, यूपी में सब चंगा’ का जुमला उछाला था, उस पर लोगोंं ने भी पूरा भरोसा जताया। उनका यह संबोधन इंटरनेट मीडिया पर भी खूब प्रसारित हुआ था।

हर जनसभा में उन्होंने स्थानीय मुद्दे को जोड़ते हुए विशेषकर कानून-व्यवस्था और विकास को केंद्र में रखा। कानपुर में हुई सभा में कहा कि ‘पहले यहां कट्टा बनता था, अब डिफेंस कारीडोर में सेना के लिए अत्याधुनिक हथियार बनेंगे।’ वहीं उमेश पाल के बाद अतीक-अशरफ हत्याकांड की तपिश महसूस कर रहे प्रयागराज में उन्होंने रामचरित मानस की पंक्ति ‘जो जस करहि सो तस फल चाखा’ सुनाकर तालियां बटोरीं।

भाजपा के प्रचार रथ को द्रुत गति से हांकते हुए उन्होंने निकाय चुनाव के पहले चरण में सात दिनों में 28 और दूसरे चरण में छह दिनों में 22 स्थानों पर जनसभाओं-सम्मेलनों को संबोधित कर पार्टी प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन जुटाया। यह तब था जब इस बीच योगी तीन दिन कर्नाटक विधानसभा में भी भाजपा का प्रचार करने गए।

इन 13 दिनों के दौरान मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी 18 मंडलों में गए। उन्होंने 43 जिलों में भाजपा के प्रचार अभियान को गर्माया। सभी 17 नगर निगमों में पार्टी के प्रचार की धार पैनी की। अपने गृह जिले गोरखपुर में चार, लखनऊ में तीन, अयोध्या और वाराणसी में दो-दो स्थानों पर जनसभाएं कर योगी ने निकाय चुनाव को लेकर अपनी गंभीरता का परिचय दिया।

निकाय चुनाव को लेकर अपने सरकारी आवास पर मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने प्रभार वाले जिलों के साथ गृह जिले में भी पार्टी को जिताने का जिम्मा सौंपा था। निकाय चुनाव टलने से पहले भी योगी ने पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में सभी नगर निगमों में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों को संबोधित कर महानगरों के मतदाताओं को विकास की झांकी दिखाई थी।

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