अमेरिका ने टाटा-ग्रुप के मालिकाना हक वाली एयर इंडिया पर भारी जुर्माना लगाया है. अधिकतर बार, कोरोना महामारी के दौरान फ्लाइट्स रद्द होने के कारण या उनमें बदलाव के कारण, एयरइंडिया से अमेरिका ने $121.5 मिलियन रीफंड के तौर पर मांगे हैं.
साथ ही यात्रियों को रीफंड मिलने में हुई देरी की वजह से $1.4 मिलियन का भी जुर्माना लगाया गया है. अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्ट ने सोमवार को कहा, एयरइंडिया उन छ एयरलाइन्स में से एक है जिन्होंने कुल $600 मिलियन से अधिक रीफंड्स के तौर पर देने की सहमति दी है.
एयरइंडिया की “मांगे जाने पर रीफंड देने की पॉलिसी”, अमेरिकी नियमों के खिलाफ है. इसके अनुसार, अगर फ्लाइट कैंसिल होती है या उसमें बदलाव होते हैं तो एयरलाइन्स को कानूनी तौर पर एयरटिकट रीफंड करनी होगी.
यह मामले जिनमें एयर इंडिया से रीफंड मांगा गया या फिर जहां एयरइंडिया ने पेनल्टी देना मंजूर किया, वह राष्ट्रीय एयरलाइन्स के टाटा द्वारा अधिगृहित किए जाने से पहले के हैं.
एक आधिकारिक जांच के दौरान पाया गया कि एयरइंडिया ने 19,00 रीफंड शिकायतों में से आधी से अधिक को प्रोसेस करने में 100 दिन से अधिक का समय लगाया.
एयर इंडिया एजेंसी को यात्रियों को दिए गए रीफंड के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाई है.
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा, एयर इंडिया के मामले में रीफंड पॉलिसी लिखित में कुछ और है लेकिन व्यवहारिक तौर पर कुछ और है. एयर इंडिया समय से रीफंड नहीं देती है. इसके कारण ग्राहकों को फ्लाइट्स में बेहद देरी के कारण बहुत नुकसान हुआ और उन्हें समय पर अपने रीफंड भी नहीं मिल पाए.”
एयर इंडिया के अलावा, फ्रंटियर, टैप पुर्तगाल, एयरो मैक्सिको, ईआई एआई, और एवियांका पर यह जुर्माना लगाया गया है.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा कि एयरइंडिया को $121.5 मिलियन रीफंड के तौर पर यात्रियों को देने और $1.4 मिलियन जुर्माने के तौर पर देने का आरोप लगाया गया है.