जेल में इमरान, सेना को नवाज शरीफ का समर्थन, पाकिस्तान में आम चुनाव के तहत मतदान आज

0 23

पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए आज मतदान होगा और ऐसा माना जा रहा है कि दौड़ में सबसे आगे चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सेना का समर्थन प्राप्त है.

आम चुनाव की पूर्व संध्या पर बुधवार को हिंसा की घटनाएं भी हुईं. बलूचिस्तान प्रांत में चुनाव कार्यालयों को निशाना बनाकर किए गए दो बम विस्फोटों में कम से कम 30 लोग मारे गए और 40 से अधिक घायल हो गए. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जेल में होने के कारण, शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है.

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है. बृहस्पतिवार को होने वाले चुनाव में 74 वर्षीय शरीफ की नजर रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर होगी.

इस मुकाबले में बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी शामिल है. बिलावल भुट्टो-जरदारी को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के लिए पिछले साल दिसंबर में एक कार्यक्रम जारी किया था और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के बावजूद चुनाव प्रक्रिया को बरकरार रखा था.

पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए लगभग 6,50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस चुनाव में 12.85 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता मतदान करेंगे.

‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 6,50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमें पुलिस, नागरिक सशस्त्र बल और सशस्त्र बल के जवान शामिल हैं. मतदान बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे तक जारी रहेगा. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अनुसार नेशनल असेंबली के लिए 5,121 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से 4,807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं.

चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं. ईसीपी के एक अधिकारी ने बताया कि पीठासीन अधिकारी, जिन्हें पहले से ही मजिस्ट्रेट की विशेष शक्तियां दी गई हैं, पुलिस और सैन्यकर्मियों की सुरक्षा में मतदान सामग्री को मतदान केंद्रों तक ले जाएंगे.

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे अधिक 7,32,07,896 पंजीकृत मतदाता हैं, इसके बाद सिंध में 2,69,94,769, खैबर पख्तूनख्वा में 2,19,28,119, बलूचिस्तान में 53,71,947 और राजधानी इस्लामाबाद में 10,83,029 मतदाता हैं.

ईसीपी ने देशभर में 9,07,675 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं के लिए 25,320, महिलाओं के लिए 23,952 और अन्य 41,403 मिश्रित मतदान केंद्र शामिल हैं.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, 44,000 मतदान केंद्र सामान्य हैं जबकि 29,985 को संवेदनशील और 16,766 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है. इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पीटीआई’ ने बुधवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आठ फरवरी के चुनावों में अपनी पसंद की सरकार बनाने के वास्ते ‘‘वांछित परिणाम” हासिल करने के लिए राजनीतिक सांठगांठ की जा रही है.

‘पीटीआई’ के प्रवक्ता रऊफ हसन ने बुधवार को बताया कि बृहस्पतिवार के चुनावों में खान की पार्टी को चुनाव जीतने से रोकने के लिए राजनीतिक सांठगांठ की जा रही है. खान और उनकी पार्टी ने आरोप लगाया है कि मौजूदा चुनाव प्रक्रिया में कोई समान अवसर नहीं है.‘पीटीआई’ नेता ने उन्हें सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए सैन्य प्रतिष्ठान को भी दोषी ठहराया है.

पाकिस्तान ने देश में आम चुनाव से पहले हिंसा और मौलिक लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकाय की चिंताओं को खारिज कर दिया और कहा कि सरकार ने अपने चुनावी कानूनों के अनुसार सुरक्षा योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया है.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय की एक प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान कानून के शासन को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है और अपने कानूनों और संविधान द्वारा गारंटीकृत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने आठ फरवरी को होने वाले आगामी आम चुनाव से पहले हिंसक घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की थी.

संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता लिज थ्रोसेल ने एक बयान में कहा, ‘हम राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खिलाफ हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा करते हैं और अधिकारियों से एक समावेशी और सार्थक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए आवश्यक मौलिक स्वतंत्रता को बनाए रखने का आग्रह करते हैं.”

Leave A Reply

Your email address will not be published.