उत्तर सिक्किम में तीस्ता नदी का जलस्तर फिर बढ़ गया है। इससे मुंगुथांग इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
प्रशासन ने किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है। पूरे इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन के आलाधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
78 लोग अभी भी लापता
दूसरी ओर दक्षिण ल्होनक झील में बादल फटने के कारण जलप्रलय के आठवें दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी है। बुधवार को गंगटोक जिला अंतर्गत सिंगताम के लाल बाजार परिसर से एक व्यक्ति का शव मिला। इसके साथ ही सिक्किम में मरने वालों की संख्या 37 पहुंच गई है। अब भी 78 लोग लापता हैं। खराब मौसम के कारण राहत एवं बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। फंसे हुए लोगों को हवाई मार्ग से निकालना संभव नहीं हो रहा है। बुधवार को हेलीकाप्टर नहीं उड़ पाए।
इस बीच, आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र चुंगथांग और पेगोंग को जोड़ने वाला मानव निर्मित अस्थायी बांस का पुल भी टूट गया था। इसके कारण भी राहत एवं बचाव कार्य में परेशानी हुई। बाद में इसे ठीक किया गया। इसके कारण काफी देर तक काम बाधित रहा। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन अथारिटी से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक प्रभावित क्षेत्रों से 3438 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
नामची में तीन शिविरों में 405 लोग रह रहे हैं।
इनमें सबसे ज्यादा लोग मंगन जिले के हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के चार जिलों में कुल 1828 घरों को क्षति पहुंची है। राज्य सरकार द्वारा प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए कुल 21 राहत शिविर बनाए गए हैं। मंगन जिले में पांच शिविरों में 884, गंगटोक में पांच शिविरों में 1565, पाक्योंग में आठ शिविरों में 919 और नामची में तीन शिविरों में 405 लोग रह रहे हैं।