Rishikesh में गंगा नदी हुई विकराल, चेतावनी रेखा के करीब पहुंचा जलस्तर; अलर्ट जारी

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पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा से गंगा तथा गंगा सहायक नदियों में उफान आ गया है। जिसका असर अब सीधे तौर पर गंगा के जलस्तर पर पड़ने लगा है। शनिवार को ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के निकट पहुंच गया।

वहीं प्रशासन ने गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा के तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है। त्रिवेणी घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से एसडीआरएफ तथा पुलिस बल की तैनाती की गई है। पिछले कुछ दिनों से पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार वर्षा हो रही है। जिससे गंगा की सभी सहायक नदियों के जल प्रवाह में लगातार वृद्धि हो रही है। इन दिनों टिहरी बांध में पाउंडिंग के कारण भागीरथी का जलप्रवाह बेहद कम है।

अलकनंदा नदी में लगातार बढ़ रहा जलस्तर
मगर, अलकनंदा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। शनिवार सुबह से ही अलकनंदा में जलस्तर बढ़ने लगा था। जिससे ऋषिकेश में भी गंगा के जलस्तर में सुबह से ही वृद्धि होने लगी थी। शनिवार को रात्रि आठ बजे गंगा का जलस्तर 339.12 मीटर तक पहुंच गया था, जो ऋषिकेश में गंगा के चेतावनी निशान 339.50 मीटर से महज 38 सेंटीमीटर नीचे था।

केंद्रीय जल आयोग की ऋषिकेश चौकी के मुताबिक जलस्तर में प्रतिघंटा 10 सेमी तक की वृद्धि हो रही है। जिससे देर रात तक गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा तक भी पहुंच सकता है। उधर, गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने भी गंगा के तटीय इलाकों मे अलर्ट जारी कर दिया है।

गंगा के निकट रह रहे लोगों को सचेत रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं त्रिवेणी घाट तथा अन्य सार्वजनिक घाटों पर श्रद्धालुओं को आचमन व स्नान के लिए जाने से रोका जा रहा है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर पुलिस व एसडीआरएफ को तैनात किया गया है।

त्रिवेणी घाट का आरती स्थल हुआ जलमग्न
गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से अब ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र के पक्के गंगा घाट भी जलमग्न होने लगे हैं। शनिवार शाम ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा का पानी आरती स्थल तक पहुंच गया। जिससे श्री गंगा सभा के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा आरती पानी में ही खड़े रहकर की।

लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए श्री गंगा सभा को भी आरती स्थल बदलने के लिए कहा गया है। जिसके बाद से गंगा सभा ने आरती स्थल पर लगे उपकरणों को शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। उधर, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला व स्वार्गाश्रम क्षेत्र में भी पक्के गंगा घाट जलमग्न होने लगे हैं।

चीला में थमा विद्युत उत्पादन
उत्तराखंड जल विद्युत निगम की चीला जल विद्युत परियोजना में भी शनिवार को विद्युत उत्पादन ठप हो गया। गंगा में बढ़े जलस्तर के साथ बड़ी मात्रा में शिल्ट और गाद भी यहां पहुंच रहा है। जिससे बैराज जलाशय में शक्ति नहर का ट्रैस रैक चौक होने लगा है।

शनिवार को दोपहर से ही 144 मेगावाट की चीला जलविद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन घटने लगा था। जिसके बाद फ्लड पास करने के लिए पशुलोक बैराज में शाम तीन बजे गेट खोल दिए गए। जिसके चलते शाम चार बजे से चीला जलविद्युत गृह में विद्युत उत्पादन ठप हो गया था। फिलहाल गंगा का डिस्चार्ज 2448 क्यूमेक्स तथा सिल्ट की मात्रा आठ हजार पीपीएम से अधिक बनी हुई थी।

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