मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि पूर्वानुमान मॉडल शुक्रवार सुबह दिल्ली में मौसम की चरम घटना का अनुमान लगाने में ‘‘विफल” रहा जब रिकॉर्ड 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई.
यह मात्रा जून के औसत 74.1 मिमी से तीन गुना अधिक है और 1936 के बाद से इस महीने के लिए सबसे अधिक बारिश है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि मानसून की हवाएं पश्चिमी विक्षोभ के कुछ हिस्सों के साथ टकराईं, जिससे दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश हुई.
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी दिल्ली में आंधी-तूफान के कारण हो सकता है कि मूसलाधार बारिश हुई. 26 जून को, आईएमडी ने 28 जून को हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश का अनुमान जताया था.
मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार दोपहर को बताया कि मध्य गुजरात के ऊपर चक्रवाती प्रवाह से लेकर निचले क्षोभमंडल स्तर पर बिहार के पश्चिमी हिस्से तक एक प्रणाली फैली हुई है.
आईएमडी के यूट्यूब पेज पर मौसम को लेकर साप्ताहिक जानकारी में वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय ने कहा कि यह प्रणाली उत्तर और मध्य भारत में नमी पहुंचा रही है. उन्होंने बताया, ‘‘सप्ताह के दौरान पूर्व-पश्चिम प्रवाह के मजबूत होने की संभावना है और उत्तर भारत में बारिश बढ़ेगी.”
बृहस्पतिवार रात को आईएमडी के जारी विस्तारित रेंज पूर्वानुमान में ‘‘अगले पांच दिन के दौरान उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में गरज और बिजली के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने” का अनुमान जताया गया.
आईएमडी 29 जून और 30 जून को दिल्ली में ‘‘बहुत भारी बारिश” का भी अनुमान जताया, लेकिन किसी को भी शुक्रवार की सुबह मूसलाधार बारिश की संभावना नहीं थी.
शुक्रवार को सुबह 4:58 बजे, आईएमडी ने एक अलर्ट जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘‘अगले दो घंटों के दौरान पूरे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), सोनीपत, खरखौदा, झज्जर, सोहना, पलवल, बड़ौत, बागपत, खेकड़ा, पिलखुआ और सिकंदराबाद के कुछ स्थानों पर भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होगी और 20-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.”
आईएमडी ने बाद में बताया कि सफदरजंग वेधशाला ने पूर्वाह्न 2:30 बजे से सुबह 5:30 बजे के बीच 148.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि आईएमडी द्वारा अलर्ट जारी करने से पहले ही काफी बारिश हो चुकी थी.
इसके अलावा, आईएमडी ने दिल्ली में मानसून के आगमन की घोषणा शुक्रवार दोपहर को की, जबकि इससे 15 घंटे से भी कम समय पहले उसने अनुमान लगाया था कि शुरुआती वर्षा लाने वाली प्रणाली दो से तीन दिन के भीतर दिल्ली पहुंच जाएगी.
आईएमडी के एक अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश तक मानसून की पूर्वी शाखा के कारण बहुत अधिक वर्षा नहीं हो रही थी. पूर्वी शाखा का मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था. लेकिन मध्य प्रदेश की ओर से अचानक एक धारा आ गई. किसी को भी इतनी अधिक मात्रा में नमी की उम्मीद नहीं थी.”
अधिकारी ने कहा, ‘‘मॉडल इसे पकड़ नहीं पाया. साथ ही, शाम को बादल बनने लगे और समय के साथ तेज होते गए. पहले से आंधी-तूफान का अनुमान जताना आसान नहीं है.”