बूस्टर शॉट अभियान से संतुष्ट नहीं WHO चीफ? अमीर देशों में धड़ल्ले से बूस्टर डोज दिए जाने पर चेतावनी

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रे़डोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा, "ब्लैंकेट बूस्टर कार्यक्रम से महामारी के खत्म होने के बजाये लंबा खींचने की आशंका है."

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ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते खतरे के बीच कई देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे हैं या फिर देने की तैयारी में हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चीफ ने चेतावनी दी है कि अमीर देशों में धड़ल्ले से बूस्टर डोज दिया जाना वैक्सीन तक पहुंच में अंतर को और बढ़ा रही है, जिससे महामारी लंबी खींच रही है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रे़डोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने जोर दिया कि हमारी प्राथमिकता टीकाकरण पूरा कर चुके लोगों को अतिरिक्त खुराक देने के बजाये ऐसे लोगों को टीका देने पर होनी चाहिए, जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कोई भी देश इस तरीके से महामारी की गिरफ्त से बाहर नहीं निकल पाएगा.

संयुक्त राष्ट्र की हेल्थ एजेंसी कोविड वैक्सीन तक पहुंच में अंतर को लेकर लंबे समय से चिंता जताते आ रही है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रे़डोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा, “ब्लैंकेट बूस्टर कार्यक्रम से महामारी के खत्म होने के बजाये लंबा खींचने की आशंका है. अधिक टीकाकरण कवरेज वाले देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने से वायरस को फैलने और अपना आपको म्यूटेट करने (स्वरूप बदलने) का अधिक अवसर मिलेगा.”

उन्होंने बुधवार को बताया कि इस साल वैश्विक स्तर लोगों को पर्याप्त टीके दिए गए थे ताकि टारगेट तक पहुंचा जा सके. वैश्विक आपूर्ति में बाधा के चलते दुनिया के आधे देश की ऐसा कर पाए.

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, अमीर देशों में करीब 67 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई जबकि गरीब देशों में ऐसे लोगों की संख्या 10 प्रतिशत भी नहीं है.

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