दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है.
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को शीतलहर जारी रहने के साथ ही न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो एक जनवरी 2021 के बाद से इस महीने दर्ज सबसे कम तापमान था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को अपने पूर्वानुमान में कहा कि दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में अगले सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ओलावृष्टि हो सकती है.
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में मंगलवार को न्यूनतम तापमान एक से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच रहने के साथ क्षेत्र में शीतलहर की स्थिति बनी रही. मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान तीन से पांच डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. आईएमडी ने कहा कि 21 से 25 जनवरी के बीच एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित कर सकता है. इसने एक बयान में कहा, ‘‘इसके प्रभाव से, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 21 जनवरी को बारिश या हिमपात शुरू होने और 23-24 जनवरी को चरम स्थिति बनने के साथ 25 जनवरी तक इसके जारी रहने का अनुमान है.”
मौसम कार्यालय ने कहा कि 23 और 24 जनवरी को जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम ओलावृष्टि होने का अनुमान है. साथ ही बताया कि 23-24 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. दिल्ली में इस सर्दी के मौसम में अब तक कोई बारिश दर्ज नहीं की गई है. मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर और दिसंबर में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ का अभाव बारिश नहीं होने का कारण था. पिछले साल, शहर में जनवरी में 82.2 मि.मी. बारिश दर्ज की गई थी, जो 1901 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक बारिश थी.
दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सोमवार को 1.4 डिग्री था. कोहरे के कारण उत्तरी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है. सफदरजंग में एक जनवरी 2021 को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इस साल आठ जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. राष्ट्रीय राजधानी में इस माह का सबसे कम तापमान शून्य से नीचे 0.6 डिग्री सेल्सियस 16 जनवरी 1935 को दर्ज किया गया था. लोधी रोड स्थित मौसम केंद्र में मंगलवार को न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया.
दक्षिण पश्चिम दिल्ली के आयानगर में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, मध्य दिल्ली के रिज में 2.2 डिग्री सेल्सियस और पश्चिमी दिल्ली के जाफरपुर में 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर चली जो एक दशक में इस महीने में प्रचंड शीतलहर की दूसरी सबसे लंबी अवधि रही. अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया था कि दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव में 19 जनवरी से शीतलहर का प्रकोप थम जाएगा. पश्चिम एशिया से गर्म नम हवाओं वाली एक मौसम प्रणाली को पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है.
जब एक पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र में आता है, तो हवा की दिशा बदल जाती है. पहाड़ों से आने वाली सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलनी बंद हो जाती हैं जिससे तापमान बढ़ता है. आईएमडी के अनुसार, मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीतलहर की घोषणा की जाती है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो. न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है.