G20 सम्मेलन : पुलिस ने ‘वीवीआईपी’ मार्गों पर मेट्रो स्टेशन के द्वार बंद रखने का अनुरोध लिया वापस
दिल्ली पुलिस ने जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से मेट्रो के उन स्टेशन के द्वार बंद रखने का आग्रह किया था, जो अति विशिष्ट हस्तियों (वीवीआईपी) के ठहरने के स्थानों, उनके आने-जाने के मार्गों और आयोजन स्थल की तरफ खुलते हैं, लेकिन बाद में यह अनुरोध वापस ले लिया गया. पुलिस ने सोमवार को डीएमआरसी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी को भेजे एक पत्र में कहा कि वह ‘‘प्रशासनिक आधार” पर अपना अनुरोध वापस ले रही है.
जी-20 देशों के नेताओं का सम्मेलन यहां नौ और दस सितंबर को प्रगति मैदान के नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शन केंद्र- ‘भारत मंडपम’ में होगा. डीएमआरसी को शनिवार को भेजे गए पहले पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता करने के लिए खान मार्केट के तीन, मोती बाग के दो और आईटीओ मेट्रो स्टेशन के पांच द्वार समेत 20 से अधिक मेट्रो स्टेशन के द्वार बंद रखने की ‘‘आवश्यकता” है.
पत्र में कहा गया था, ‘‘जैसा कि आपको पता है कि जी20 शिखर सम्मेलन जल्द ही होने वाला है और हम सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान अचूक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वीवीआईपी मार्गों, शिखर सम्मेलन स्थल, अतिथियों के ठहरने के स्थानों की ओर खुलने वाले मेट्रो स्टेशन के द्वार आठ से 10 सितंबर तक बंद रहें.”
इसमें यह भी बताया गया है कि यदि किसी पुलिस उपायुक्त या पुलिस मुख्यालय से द्वार बंद करने का कोई अनुरोध प्राप्त होता है या परिस्थितिवश ऐसा होता है तो डीएमआरसी को तुरंत सूचित किया जाएगा. पत्र में कहा गया कि इसे ‘‘विशेष पुलिस आयुक्त/सतर्कता एवं सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा प्रभाग, दिल्ली” की मंजूरी प्राप्त है. बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को डीएमआरसी के मुख्य सुरक्षा आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि इस कार्यालय ने 39 मेट्रो स्टेशन के द्वार बंद करने के संबंध में शनिवार को जो अनुरोध पत्र भेजा था, उसे ‘‘प्रशासनिक आधार पर” वापस लिया जाता है.
जी-20 समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत दिल्ली में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और यूरोपीय संघ एवं आमंत्रित देशों के शीर्ष अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 14 प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है. जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.